Monday 31 March, 2008

प्रत्युत्तर

सर्वप्रथम सुमित जी, अजित वडनेरकर जी, संजीत त्रिपाठी जी, अनुराधा श्रीवास्तव जी, आशीष जी , उन्मुक्त जी, हर्षवर्धन जी, अनीताकुमार जी आप सभी को बहुत बहुत आभार ! आपने मेरे लेख को पढ़ा एवं अपने विचार भी रखे ... आशा है कि आगे भी इसी दिलचस्पी और सक्रियता के साथ उपस्थित रहेंगे।
संजीत भैय्या जी , "आदरास्पद्" का अर्थ है => आदर + आस्पद् ( परिपूर्ण , युक्त ) अर्थात् आदरणीया !
Note : - आदरास्पद् या मानास्पद् जैसे शब्दों का प्रयोग केवल स्त्रीलिङ्ग के शब्दों में ही होता है ।

मेरे कम्प्यूटर में 'वायरस' आ गया है अब अप्रैल में बनेगा तभी आप सब से पुनः रू-ब-रू हों पाऊँगी। मैं यह पोस्टिंग अपनी सहेली 'मीरा राठौड़' के पीसी से कर रही हूँ अतदर्थ उसे भी आभार !
आप सभी को नूतन सम्वत्सर की शुभकामनाओं सहित ...

2 comments:

Comely Dame said...

नव सम्वत्सर, नवरात्रि, चेटि-चंड तथा गुड़ी-पड़वा के शुभ अवसर पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ !

Batangad said...

मीरा जी का ब्लॉग है या नहीं