Monday 20 October, 2008

महाराष्ट्र से बाहर रहने वाले मराठियों का क्या होगा ?

मैं भोपाल में रहने वाला एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण हूं। कई साल पहले मेरे पूर्वज महाराष्ट्र छोड़कर मध्य प्रदेश के इंदौर में आ बसे थे। वे इंदौर में रहे और करीब दस साल पहले महाराष्ट्र लौट गए। अब मैं भोपाल में एक कंपनी में काम करता हूं। जिस तरह का अभियान राज ठाकरे ने मुंबई में बाहरियों के खिलाफ छेड़ा है , उसे देखकर मुझे और मुझ जैसे करोड़ों मराठीभाषी परिवारों को डर लगता है , जो महाराष्ट्र के बाहर रहते हैं , जिनकी वजह से वृहन्महाराष्ट्र जिंदा है। मध्य प्रदेश के दो शहरों - इंदौर , भोपाल में ही मिलाकर मराठी परिवारों की आबादी दस लाख के आसपास होगी। मध्य प्रदेश के अलग - अलग जिलों में मराठी परिवारों की आबादी एक करोड़ से ज्यादा ही है। ऐसे में क्या मैं और मुझ जैसे लाखों लोग खुद को सुरक्षित समझ सकते हैं। हम भी अपने वतन से मीलों दूर है। ऐसे में अगर हम पर सिर्फ इसलिए हमले शुरू हो गए कि हम महाराष्ट्र के हैं , और हमें वहीं जाकर गुजर - बसर करना होगी , तो क्या महाराष्ट्र हम लोगों की भूख को सहन कर पाएगा ? क्या वहां हमें रोजगार का कोई जरिया मिल पाएगा ? राज ठाकरे क्या उन लोगों की जिम्मेदारी नहीं लेंगे , जो महाराष्ट्र के बाहर रह रहे हैं ? हमारा माई - बाप कौन ? या हमें अपनी लड़ाई यहीं लड़कर जीतनी होगी ? यदि ऐसा हुआ तो कई राज्य इसी आग में झूलसकर रह जाएंगे। स्थानीय निवासियों को रोजगार में प्राथमिकता की मांग करना वाजिब लगता है , लेकिन दूसरों को मात्र इसलिए दुत्कार देना कि वे बाहर के हैं। मुझे ठीक नहीं लगता। सत्ता पाने के लिए शांतिपूर्ण और विकास की ओर ले जाने वाले विकल्पों का चयन होना चाहिए न कि नफरत पर आधारित राजनीति का। {रवि भजनी भोपाल से }
नवभारत टाईम्स से साभार

6 comments:

Satyajeetprakash said...

राज ठाकरे को कौन समझाए, मराठियों में जैसे जहर वो भर रहे हैं, वो जहर अंतत उन्हीं का सत्यानाश करेगा.

Sumit said...

राज ठाकरे 'मेंटल केस' है और एमएनएस को बैन किया जाना चाहिए।

राजन् said...

ऐसे तत्व देश और समाज को कमजोर कर इसे टुकड़े-टुकड़े करना चाहते है इसलिए गिरफ्तार कर के उनके विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए!

दिवाकर प्रताप सिंह said...

क्या ठाकरे मुंबई को भारत से अलग करना चाहते है? अगर नही, तो भारत के क़ानून से खिलवाड़ क्यों? ये लोग शिवाजी के महान राष्ट्र की गरिमा को ख़ाक मे मिला देंगे!

हमारा विकास तभी संभव है जब हम सभी मिलकर चलें... हम जानते है की हमने हमेशा आपस में लड़कर कितना कुछ खोया है और आज भी हम खो रहे है!

Anurag Agrawal said...

I can say ONLY one thing-

Barbaad-e-Gulistan karne ko
Bas ek hi ulloo Kaafi hai
Jab har shakh pe Ulloo Baithe hon
Anjaam-e-Gulistan kya hoga????

Jai Hind
Anurag Agrawal

अमिता कुलकर्णी said...

राज ठाकरे देश ही नहीं, समूचे विश्व में महाराष्ट्र का नाम बदनाम कर रहा है !